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थायराइड की बीमारी, जीवनशैली को प्रभावित कर सकती है। शुरुआती समय में वजन बढ़ना, थकान, मांसपेशियों में कमजोरी जैसे लक्षण नजर आते हैं। इस बीमारी की गिरफ्त में ज्यादातर महिलाएं होती हैं। लेकिन जीवनशैली में गड़बड़ी के कारण पुरुषों में भी थायराइड की बीमारी आम होती जा रही है। लिंग, आयु और जीवन चरण के आधार पर थायराइड का स्तर हर व्यक्ति में अलग होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पुरुषों में थायराइड का सामान्य स्तर कितना होता है? इस लेख में हम आगे इस सवाल का जवाब जानेंगे
थायराइड एक एंडोक्राइन ग्लैंड है। इस ग्लैंड में थायराइड हार्मोन बनते हैं। थायराइड हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करती है। ये गर्दन के अंदर और कोलरबोन के ठीक ऊपर होती है। इसका आकार तितली जैसा होता है। थायराइड ग्रंथि हार्मोन्स को बनाने का काम करती है। अगर शरीर ज्यादा थायराइड हार्मोन बनाता है, तो हायपरथायराइडिज्म होता है। वहीं शरीर में कम थायराइड हार्मोन्स बनते हैं, तो उसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है।
टीएसएच की सामान्य रेंज की बात करें, तो वो 0.4 mU/L से 4.0 mU/L के बीच होती है। 18 से 50 वर्ष के बीच पुरुषों में टीएसएच का स्तर करीब 0.5 – 4.1 mU/L के बीच होना चाहिए। वहीं 51-70 साल की श्रेणी में आने वाले पुरुषों में टीएसएच की सामान्य रेंज 0.5 से 4.5 mU/L के करीब होती है। अगर उम्र 70 से ज्यादा है, तो टीएचएच की सामान्य रेंज 0.4-5.2 mU/L के बीच होगी।
थायराइड ग्रंथि का अंडरएक्टिव और ओवरएक्टिव दोनों ही होना ठीक नहीं है। आपको बता दें कि थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन्स की जांच के लिए टीएसएच टेस्ट किया जाता है। टीएसएच की नॉर्मल रेंज 0.4 -4.0 mIU/L के बीच होती है। अगर टीएसएच का स्तर 2.0 से ज्यादा है, तो ये अंडरएक्टिव थायराइड या हाइपोथायरॉडिज्म कहलाएगा। वहीं 0.4 -4.0 mIU/L से कम का स्तर ओवरएक्टिव यानी हायपरथायराइडिज्म कहलाता है। ये दोनों की स्थितियां, शरीर के लिए खतरनाक हैं।
थायराइड की रिपोर्ट में आपने T0, T1, T2, T3, T4 और TSH जैसे टर्म्स पढ़े होंगे। ये थायराइड की जांच करने वाले टेस्ट होते हैं। T0, T1 और T2 निष्क्रिय रहते हैं। ये थायराइड हार्मोन रिसेप्टर पर काम नहीं करते।
अगर शरीर में ओवरएक्टिव थायरॉइड ग्लैंड के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो डॉक्टर टी3 टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। टी3 की सामान्य रेंज 100-200 ng/dL होती है। टी3 हार्मोन की जांच के लिए टी3 टेस्ट या ट्राईआयोडोथायरोनिन जांच की जाती है।
स्वस्थ शरीर में टी3 और टी4 हार्मोन्स की सही मात्रा होती है। इन दोनों हार्मोन्स को टीएसएच हार्मोन कंट्रोल करता है। टी4 का स्तर बढ़ने से चिंता, वजन घटना, कंपकंपी जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसके स्तर की जांच करने के लिए टी4 टेस्ट या थायरॉक्सिन टेस्ट कहा जाता है।
थायराइड का स्तर नियंत्रण में रखने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। आपको संतुलित आहार और कसरत का सहारा लेना चाहिए।